एक पेड़ मांँ के नाम
मनहरण घनाक्षरी छंद में
बहुत खुशी की बात,
आ गई है बरसात,
पेड़-पौधे लगाकर, धरा को सजाइए।
जहांँ हो जगह खाली,
खेत-भूमि नमी वाली,
एक पेड़ मांँ के नाम, अवश्य लगाइए।
उपजेंगे फल-फूल
बागानों में कंदमूल,
प्रकृति के बीच रह, सेहत बनाइए।
बढ़ेगी जो हरियाली,
जीवन में खुशहाली,
आने वाली पीढ़ियों को, ताप से बचाइए।
जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
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