कचरे को इधर-उधर ना फेको भाई,
इसमें है सारे जग की भलाई।
कूड़ा को कूड़ेदान में डालो,
चारों ओर न गंदगी फैलाओ।
दो कूड़ेदान देख हम सभी हैरान,
दो रंगों में क्या डालें हम सभी परेशान।
हरा और नीला मतलब समझाएं,
कोई तो रहस्य इसका बतलाए।
बोल उठा कचरे का डब्बा,
अलग अलग है मेरा रुतबा।
प्रकृति का सहयोगी सदा हरा हूं,
सड़ने वाला चीज पड़ा हूं।
प्रकृति का मित्र लाभदायक बड़ा हूं,
गीला सड़ा कचरा कंपोस्ट बना हूं।
चुप ना बैठ सका सुन बोला नीला, सड़ता नहीं ,मैं रखता हानिकारक प्लास्टिक धातु कांच का टीला।
आओ कचरी का करे हर जगह प्रबंधन,
हरे और नीले का बांधे अटूट बंधन।
मधु (बक्सर)
मध्य विद्यालय खिरौली डुमराव बक्सर
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