कबीर फिर ना आना इस देश- अवनीश कुमार

रंजिशे बढ़ने लगी है अब इस देश में
बात-बात में धार्मिक उन्माद का आतंक
दिखने लगा है अब इस देश में
हिंदू मुस्लिम लड़ पड़ते हैं अपने हीं देश में
बात-बात में तलवारें चमकने लगी है इस देश में
तेरे दोहे का दाह कर रहे नेता गण इस देश में
कबीर फिर ना आना इस देश में कबीर फिर ना आना इस देश में

सांप्रदायिकता का विष घोल रहे हैं नेता गण इस देश में
सच्ची भारतीयता नहीं दिखता इस देश में
तेरे दोहे को उचित सम्मान नहीं दे सका इस देश ने
तेरी शिक्षा का सार कोई नहीं समझता अब इस देश में

कबीर फिर ना आना इस देश में कबीर फिर ना आना इस देश में

राम-रहीम, कृष्ण-करीम अब ना एक इस देश में
बात बात मे तलवारें गोली निकल जाती हैं इस देश में
कैसे कहूं एक बार फिर से

कबीर फिर आना इस देश में
कबीर फिर आना इस देश में

अवनीश कुमार
बिहार शिक्षा सेवा
व्याख्याता
प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय विष्णुपुर बेगूसराय

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