कब तक निर्भया
बनती रहेंगी बेटियाँ,
कब तक दरिंदों से
लड़ती रहेंगीं बेटियाँ,
कब तक अपनी अस्मत
बचाती रहेंगी बेटियाँ?
कब तक अपने ही घर में,
कब तक अपने ही देश में,
कब तक अपने ही शहर में,
कब तक अपने पास- पड़ोस में,
डरती रहेंगीं बेटियाँ?
कब तक यह समाज
उन्हें सुरक्षा नहीं देगा,
कब तक उन्हें न्याय
नहीं मिलेगा?
कब तक वे अपने ही
देश में पराई बनी रहेंगीं,
कब तक निर्भया
बनती रहेंगी बेटियाँ?
कब तक उनकी आवाज
दबाई जाती रहेगी?
कब तक निर्भया
बनती रहेंगी बेटियाँ,
कब तक अपने हक के लिए
लड़ती रहेंगी बेटियाँ?
कब तक चीखती
सिसकती रहेंगी बेटियाँ
दर्द से कराहती
बेबस, लाचार, जार-जार
आँसू बहाती रहेंगी बेटियाँ?
कब तक यह समाज
उन्हें सम्मान नहीं देगा,
उन्हें न्याय नहीं देगा,
कब तक वे अपने
जीवन को स्वतंत्र
नहीं जी पाएँगी?
कब तक निर्भया
अपराजिता कुमारी
रा. उ. म. विद्यालय
जिगना जगरनाथ
प्रखंड- हथुआ
जिला- गोपालगंज