जन्म दिन कान्हा का आया,
चहुँओर सुमंगल छाया।
जिनकी मुरली सुनाए तान,
जिनसे मिली गोपियों को पहचान।
मोर पंख बढ़ाए शान,
जो है इस जगत में महान।
यशोदा मैया के दुलारे,
माँ देवकी के हैं ये प्यारे।
जो भी इनकी शरण में आते,
मन वांछित फल पाकर जाते।
माखन चोर कन्हैया हैं,
दुनिया के वो रचैया हैं।
हर डोरी है इनके हाथों में,
सब नाव के ये खेवैया हैं।
आज जगत् है फिर हरसाया,
कान्हा का जन्मदिन जो आया।
गुड़िया कुमारी ‘शिक्षिका’
मध्य विद्यालय बाँक, जमालपुर
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