हम भूल गये है शास्त्री को, सिर्फ गाँधी याद हमें आयें।
दोनों का यह जन्मदिवस, आओ श्रद्धा सुमन चढ़ायें।।
देश हित में दोनों का हीं, अतुलनीय रहा योगदान।
है उनके सद्कर्मों ने बनाया, उनको आज अमर महान।।
एक नेहरू के बाद प्रधान, दूसरा राष्ट्रपिता कहलाये।
दोनों ने हीं जनहित खातिर, अपनी सारी उम्र बिताये।।
सत्य अहिंसा और सेवा भाव, दोनों के जीवन का मूल।
इनके बताये मार्गों को हम, जायें न अपनाना भूल।।
मन वचन और कर्म से, जो उचित राह दिखलाये हैं।
जीवन के उच्च आदर्शों से, जीने की कला सिखायें हैं।।
पाठक इनके आदर्शों को, अपने जीवन में अपनाएगा।
लाकर अमल जीवन में हीं, इन्हें श्रद्धा सुमन चढाएगा।।
राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश
पालीगंज, पटना
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