गीत – श्वेता साक्षी

सबके दिल में मोहब्बत अमन चाहिए

मुझको हंसता हुआ इक वतन चाहिए

हिंदू मुस्लिम की बातें करे न कोई

धर्म के नाम पर यूं मरे न कोई

न ही मृतचैल न ही कफ़न चाहिए

मुझको…..

एक वो दिन था जब सब ही आबाद थे

स्वर्ण चिड़ियां थीं, उत्थान निर्बाध थे

खिलखिलाता सुहाना चमन चाहिए

मुझको…..

बन रहे हर युवा आज लाचार क्यों

हैं लालसा और मदय के तलबगार क्यों

कर्म गुण से सुगंधित पवन चाहिए

मुझको……

Dr Swarakshi swara

श्वेता साक्षी

खगड़िया बिहार

मध्य विद्यालय हनुमान नगर

बेलदौर खगड़िया

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