गुरु की महिमा कह नहीं सकते
ताप पुष्प ज्यों सह नहीं सकते
उनकी कृपा से धन्य हो जीवन
गुरु पे कर दो तन मन अर्पण।।
ध्यान लगाओ रात दिवस
अपने इंद्रीय कर लो वश
सब विकार कलुषित हटाओ
गुरु चरण में शीश नवाओ।।
डॉ स्वराक्षी स्वरा
खगड़िया बिहार
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