चाचा नेहरू – रामकिशोर पाठक

 

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में,
किलकारी गूँजी आनंद भवन में।
अठारह सौ नवासी का साल,
चौदह नवंबर को जन्में लाल।
प्रारंभिक शिक्षा अपने परिवेश में,
फिर ट्रिनिटी पढ़ने गए विदेश में।
कैंब्रिज से वकालत कर आए,
स्वतंत्रता संग्राम में हाथ बटाए।
नौ बार सजा झेलें जेल में,
आत्मकथा रची अल्मोड़ा जेल में
पिता का पत्र पुत्री के नाम लिखा,
भारत की खोज इतिहास लिखा।
आराम हराम है नारा दिया,
बच्चों से खूब स्नेह था किया।
चाचा नेहरू का उपनाम मिला,
बाल दिवस का पैगाम मिला।
भारत ली जब तरुण अंगड़ाई,
स्वतंत्रता की तब बजी शहनाई।
करने देश का नव उत्थान,
जवाहर बने प्रथम प्रधान।
जवाहर लाल का कार्य महान,
भारत रत्न का मिला सम्मान।
बासठ के चीनी युद्ध से हुए बड़े मर्माहत,
चौसठ में चिर निद्रा ने दे दी इनको राहत।

राम किशोर पाठक

प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश

पालीगंज, पटना

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