जय -जय कृष्ण मुरारी बोल
जय जय राधा रानी बोल
जय जय कृष्ण मुरारी बोल।
दुनिया आनी जानी बोल
तू अपनी मनमानी बोल।
प्रेम की युगल कहानी बोल
प्रेमी की जुबानी बोल।
मेरी ही कहानी बोल
अपनी तू जुबानी बोल।
नयनों की तू बोली बोल
गांठ सभी तू दिल के खोल।
मीठी मीठी बोली बोल
प्रेम की पाँति में रस घोल।
मन का आपा को तू छोड़
कान्हा के रस मन मे घोल।
राधा की अब बानी बोल
जय जय कृष्ण मुरारी बोल।
दुनिया है सब माया बोल
कोई नही पराया बोल।
घट घट कान्हा छाया बोल
राधा की ये माया बोल।
बस ये प्रेम तुम्हारा बोल
पल दो पल की साया बोल।
अगले पल होगा सब गोल
फॅसा कहाँ इस जग में बोल।
अब तो राधा रानी बोल
जय जय कृष्ण मुरारी बोल
डॉ स्नेहलता द्विवेदी आर्या
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Dr. Snehlata Dwivedi

