मनहरण घनाक्षरी
वर्ण — ८ ,८ ,८ ,७
अंत – लघु , दीर्घ
वीणा पाणि मात मेरी ,
दया मिले हमें तेरी ,
शिशु हमें जान जरा ,
अंक भर लीजिए ।
आए तेरे द्वार माता ,
कुछ नहीं हमें आता ,
ज्ञान दान कर हमें ,
पूर्ण आज कीजिए ।
हम बनें अच्छे बच्चे ,
सीधे सादे और सच्चे ,
खिल जाएँ फूल बन ,
ऐसी बुद्धि दीजिए ।
सदा ऊँचा काम करें ,
राष्ट्र-हित ध्यान धरें ,
करें कभी पाप नहीं ,
ऐसा बीज बीजिए ।
सुधीर कुमार,मध्य विद्यालय शीशागाछी
प्रखंड — टेढ़ागाछ , जिला — किशनगंज
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