इस दिवाली हर तरफ
अमन, शांति के फूल खिले।
नफरत, ईर्ष्या की दीवार ढहे
हर दिल में प्यार के दीप जले।
जगमग हो हर मन का आँगन
उज्ज्वल हो हृदय का प्रांगण।
वैर-भाव पनपने न पाए,
मिले सभी के मन- से- मन।
प्रसन्नता फैले चहुँ ओर
सभी के हृदय से आशीष निकले।
नफरत, ईर्ष्या की दीवार ढहे,
हर दिल में प्यार के दीप जले।
कोई भी प्राणी भूखे न सोये,
अब दूध बिना, कोई बच्चा न रोये।
सबकी थाली में हो अन्न
आओ इस दीवाली लें, हम ये प्रण।
दीन-दुखियों की मदद को,
आओ हम सब, एक साथ चलें।
नफरत, ईर्ष्या की दीवार ढहे,
हर दिल में प्यार के दीप जले।
संजय कुमार (अध्यापक )
इंटरस्तरीय गणपत सिंह उच्च विद्यालय, कहलगाँव
भागलपुर, बिहार
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