देश के सच्चे सपूत- अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

देश में एक ऐसे  लाल हुए,
जो देश के कर्णधार बने।
अपनी निष्ठा अपनी बुद्धि से,
वे यशस्वी  सूत्रधार  बने ।।

ऐसे सपूत  लाल बहादुर का,
जीवन दुखों  में  बीता  था।
पर  अपने कर्त्तव्य बुद्धि से,
स्वदेश  का दिल भी जीता था।।

अपने वसूलों से किसी कीमत पर,
समझौता  उन्होंने  नही   किया।
कुछ  छोड़ना  पड़ा  तो छोड़ दिया,
जग  में यश  और सम्मान  के साथ जिया।।

उनके  जीवन काल  में  केवल,
सुयश   की   ही  भाषा   थी।
वे जीवनपर्यंत अच्छे कर्म किए,
उनकी अंतिम भी यही अभिलाषा थी।।

रेल मंत्री  भारत  सरकार  में बने,
यह उनके कद को बिंबित करता था।
जब रेल घटना घटी,  पद त्याग दिया,
उनके व्यक्तित्व को प्रतिबिंबित करता था।।

वे  डेढ़ वर्ष  तक प्रधानमंत्री  रह,
देश को बहुत बड़ा इनाम दिया।
जय जवान  जय किसान का नारा दे ,
सचमुच देश  को  बड़ा  पैगाम  दिया।।

उनके  शासन   काल  में  ही,
पाकिस्तान ने भारत पर धावा बोला था।
पर  उस अन्यायी का  कैसा हस्र  हुआ,
यह उसके सैनिकों ने खूब झेला था।।

उनकी  ईमानदारी  और  निष्ठा  का
सब  कद्र  किया  करते   थे।
उनकी देशभक्ति और संदेशों से,
सब  सबक  लिया  करते  थे।।

वे  केवल  प्रधान मंत्री  ही  नहीं,
जन जन  के भी  सच्चे सेवक  थे।
उनमें आत्मीयता थी इतनी भरी हुई ,
वे  प्रेम   के भी  सच्चे  अनुसेवक  थे।।

जीवन  जीने  की  कला  थी उनमें,
पर झूठ  का तनिक भी लेश नहीं।
भावना थी सदा  देश हित में करने की,
दूसरों का हक छीनने में  विश्वास नहीं।।

थे ऐसे भारत के महान विभूति वे,
जो हमेशा न्याय , धर्म का पक्ष लिया।
न अपनायी  कभी अनीति, अधर्म ,
उन्होंने फैसला सदा निष्पक्ष किया।।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर विद्यालय बैंगरा
जिला- मुजफ्फरपुर

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