दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

 

दो अक्टूबर जन्म है, दो पुरुषों के नाम।
गाँधी प्यारा एक है, दूजा लाल ललाम।।

गाँधी जी का जन्म है, प्रांत नाम गुजरात।
भाव एकता सूत्र का, दिया नवल अवदात।।

सत्य-अहिंसा मार्ग पर, कदम बढ़ाए आप।
स्वच्छ कर्म के भाव की, छोड़ी अपनी छाप।।

अभिनव चिंतनशीलता, थी बापू की शांति।
नैतिकता के भाव में, मिली उन्हें नव कांति।।

युग निर्माता संत थे, उनका हृदय विशाल।
सत्य शांति से देश का, चमक रहा है भाल।।

सत्य अहिंसा मूल से, निर्मित गाँधीवाद।
देश नहीं संसार में, रखते इनकी याद।।

प्रेम दया की भावना, अभिनव उच्च विचार।
गाँधी जी का मंत्र है, यही सफलता द्वार।।

गाँधीवादी भाव में, निहित ऐक्य संदेश।
यही भावना विश्व में, लाती नव परिवेश।।

लाल बहादुर ने दिया, नारा अद्भुत ज्ञान।
जय जवान से बल मिला, जय किसान सम्मान।।

देव कांत मिश्र ‘दिव्य’ मध्य विद्यालय धवलपुरा
सुल्तानगंज, भागलपुर, बिहार

 

 

 

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