जशन ऐसा मनाओं नये साल में।
कि इतिहास गवाह बन रास्ता सजाए ll
हो न नफरत कहीं प्यार ही प्यार हो।
सबको प्यार से लगाओ नये साल में।।
ग़म ज़दा हो कोई या परेशान हो।
मिलजुल के उसको हंसाओं नये साल में।।
भूल कर आज अपनों से गिले शिकवे।
कसमे वादे निभाओं नये साल में।।
जो मजा मुहब्बत में नफरतों में नहीं।
पाठ यही पढ़ाओ नये साल में।।
लब पे शशि के आ रही है दुआ।
तुम हंसो मुस्कुराओ नये साल में।।
डा.
मनीष कुमार शशि
बक्सर
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