नववर्ष की नई किरण – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

नये वर्ष के नवारंभ में

नये वर्ष के नवारंभ में,
खुशियाँ खूब मना लें।
अपने रिश्ते नातों के संग,
प्रीति भाव  बढ़ा   लें।

नव वर्ष खुशियों से गुजरे,
कुछ ऐसा ही हम  कर पायें।
नवोल्लास की किरणों को
हम  अंतस तक ले जायें।

जीवन में हर पल खुशी नहीं मिलती,
यह तो  पता  सदा है।
प्रकृति के  इस अनुपम चक्र की,
यह सबसे बड़ी अदा है।

सुख- दुःख दोनों की है जरूरत,
इस माटी की काया को।
बारी-बारी से आता यह,
भाती प्रकृति की माया  को।

चिंतन करें कुछ गुजरे साल की,
तो भूल नजर कुछ आए।
इस वर्ष ऐसी भूल न हो जाए,
जो अगले वर्ष टीस सताए ।

दया करें उन निर्बल जन पर,
जो भूखे पेट सोते हैं।
जीवन को असहाय पाकर ,
दिल से खूब भी रोते हैं।

वर्ष २०२५ क्यों आया,
इसका मतलब भी हम जानें।
नित परोपकार की बुद्धि रख,
बात मानवता की पहचानें।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड- बंदरा, जिला- मुजफ्फरपुर

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