नीर भूगर्भ का जानिए- उज्ज्वला छंद
बातें कुछ करने आइए।
अपनी सोच तो बताइए।।
मीठे जल को पी पाइए।
खत्म होने से बचाइए।।
जीवन अपना हलकान है।
सारे लोग परेशान हैं।
विवश लाचार नादान हैं।
अंदर भूजल का मान है।।
भूतल से नीचे वास है।
जहाँ रंध्राकाश खास है।।
रेतों का अंतरकाश है।
वहाँ संचित जल मिठास है।।
आश्रित इसपर हो चूप है।
दोहन का जहाँ स्वरूप है।।
सूखने लगे नलकूप है।
बिगड़ती प्रकृति की रूप है।।
प्यारे बच्चों आगे आइए।
चेतना सबमें जगाइए।।
वर्षा संग्रहित कराइए।
तरुवर से भूमि सजाइए।।
भूगर्भ जल स्तर सुधारिए।
सारे लोग कुछ विचारिए।।
समस्या विश्व की मानिए।
अपना कुछ धर्म बखानिए।।
नीर भूगर्भ का जानिए।
पीड़ा को तो पहचानिए।।
पाठक जो कहता मानिए।
संरक्षित करना ठानिए।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना।
संपर्क – 9835232978
