पीहु रानी
मेरी प्यारी पीहु रानी,
मीठी है तुम्हारी वाणी।
चुपके से मेरे रुम में घुसकर,
मेकअप का सब समान चुराती।
कभी आॅ॑खों में काजल लगाती,
कभी होंठों में लिपीस्टिक लगाती।
घर में हरदम दौड़ लगाती,
बिल्ली मौसी बनकर दिखलाती।
सज-धज कर होती तैयार,
करती हो सबसे बकबास।
रोटी -चावल तुम कभी न खाती,
कुरकुरे,चावमीन ,चाट मंगवाती।
अपना खाती और कौवे को खिलाती,
हरदम घर में शोर मचाती ।
मेरी प्यारी पीहु रानी ,
देखो आई तुम्हारी नानी।
नीतू रानी” निवेदिता”
म०वि०सुरीगाॅ॑व ,
प्रखंड -बायसी
जिला-पूर्णियाॅ॑ बिहार।
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