🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏
वार्णिक मुक्तक(वर्ण भार-13 )
प्रदत्त विषय- काजल।
(प्रेम का उपहार)
प्रिया जब मिली थी हुआ बेकरार,
प्रीत पा प्रेयसी से किया इकरार,
बिताया जाग दिवा हो या निशा काल,
सजनी के आँखों में काजल स्वीकार।
उनसे प्रेम पथ का है सरोकार,
मिला है संग रहने को अधिकार,
सौंप कर कलित प्रेम कुटीर को,
दे गया खुशियों से भरा उपहार।
बज रहे हैं मृदुल मृदंग साज,
किलकारियों से गूंज रही है आज,
नन्हीं परी घर-आँगन में उतरी,
मिल गई है खुशियों को परवाज।
एस.के.पूनम
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