फलों का राजा – नीतू रानी

Nitu

फलों का राजा आम है
एक सौ में दो -तीन किलो देता,
बहुत कम इसका दाम है
फलों का राजा आम है।

आम से बनता आचार है
आचार भी कई प्रकार है,
आम का शरबत आम का अम्मठ
आम का चटनी लगता बड़े मजेदार है।

गरमी में हम जिसके यहाँ जाते
नाश्ता में हमको सभी आम खिलाते,
सबसे अच्छा आम का नाश्ता
मन भरकर बड़े मजे से खाते।

पतला आदमी को जब हो मोटाना
तो खूब खाना दूध रोटी आम,
ज्यादा वजन वाले कम इसे खाना
नहीं तो वजन घटने का नहीं लेगा नाम।

आम किसी को खराबी करता
किसी के लिए करता दवा का काम,
गर्मी में लू लगने पर कच्चा आम
पकाकर शर्बत पीने से
तुरंत हीं देता लू वाले को आराम।

आम का पेड़ आम का पत्ता
आम के ऊपर लगा मधुमक्खी का छत्ता,
आम की डाल और आम का झूला
झूला झूले हम,मौसी और बुआ।

आम फलों का राजा है
खूब खाते मेरे दादा हैं,
आम में देकर सत्तू दूध
पीते हैं दादाजी सुरुर- सुरुर।

हमको भी बगल में बिठाते हैं
आम वाले सत्तू पिलाते हैं,
जब पीते हैं दादाजी के हाथ का आम वाले सत्तू
लगता बड़ा हीं मिट्ठू-मिट्ठू।

आम पर जितना भी लिखूँ
बहुत हीं कम होगा,
लिखते -लिखते मन नहीं भरेगा
लेकिन कलम की रिफील खतम होगा।


नीतू रानी
स्कूल -म०वि०सुरीगाँव
प्रखंड -बायसी
जिला -पूर्णियाँ बिहार।

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