बिहार दिवस की पहचान है, नव संकल्पों की बात है,
शिक्षा, श्रम, सम्मान हमारा, प्रगति पथ की सौगात है।
धरती इसकी वीर प्रसूता, गूँजे इसकी जय-जयकार,
बुद्ध, महावीर के संदेशों से, दुनिया में फैला उजियार।
परिश्रम से ही बढ़े प्रदेश, श्रम का जग में मान करें,
स्वाभिमान की ज्योति जलाकर, आत्मबल का गान करें।
बेटी-बेटा संग बढ़ें आगे, भेद-भाव को त्याग दें,
नशा-मुक्त, अपराध-विहीन हो, ऐसा सुंदर राग दें।
मिल-जुल कर हम श्रम करें, हर हाथ को रोजगार दें,
निर्धनता के तम को हर कर, सपनों को आकार दें।
बोली-बानी, रीति-रिवाजें, स्नेह-सुधा की धार हैं,
संस्कृति अपनी अमर धरोहर, जिससे हम सरताज हैं।
बिहार दिवस पर हम सब मिलकर, नव निर्माण करें प्रबल,
सद्भाव, श्रम, शिक्षा से, रच दें इतिहास फिर से बन सबल।
सुरेश कुमार गौरव
‘प्रधानाध्यापक’
उ. म. वि. रसलपुर, फतुहा, पटना (बिहार)