पापा खूब पढ़ाओ,
आगे मुझे बढ़ाओ।
शिक्षा का दीप जलाकर,
पापा आप इतराओ।।
पढ़ा-लिखा पैरों पर अपने,
खड़ा मुझे कराओ।
बेटी बोझ नहीं पापा की,
दुनिया को समझाओ।।
बेटी को समाज सेवा में,
आगे आप लगाओ ।
बेटी नहीं बेटा से कम,
लोगों को बताओ।।
विनती करूँ मैं हाथ जोड़कर,
पापा मेरी सुन जाओ।
रौशन करूँ, दो घरों को,
बस शिक्षित मुझे बनाओ।।
पापा खूब पढ़ाओ।
दिव्या कुमारी
कक्षा -10
क्रमांक -02
उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय सलथुआ,प्रखंड-कुदरा, कैमूर, बिहार
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