कविता का शीर्षक:-
” मौन है”
आज दुखी सब कौन है? जिसके जीवन में योग संविधान स्वर्वेद मौन है?
साधना सेवा सत्संग आज सभी में मौन है?
तभी तो ज्ञान की कुंजी आपका मौन है?
ईर्ष्या द्वेष कल आज ऑन है ?
तभी तो आज बना सबका विवेक मौन है?
ब्रह्म बेला में सबका साधना शौर्य है ?
जीवन में स्वर्णिम विहान का मौर्य है?
सद्गुरु पर प्रतीति आज सभी में कौन है?
जीव फंसा भाव धार में दृढ़ संकल्प मौन है ?
प्रकाश शयन का स्विच आज न ऑन है ?
जीवन बना दुखों का सुख लाॅन है?
कार्तिक कुमार मध्य विद्यालय कटरमाला गोरौल वैशाली
7004318121
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kartik kumar

