भारत के चमकते नूर- अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

चाचा नेहरू के जन्म दिन पर,
हर वर्ष बाल दिवस मनाते हैं।

उनके सपने को  हर शिक्षक,
हर बच्चे  को  गले लगाते हैं।

कोमल मन में जो भाव भरते हैं,
वही उनके दिल पर राज करते हैं।

भारत के वे चमकते नूर हैं,
वे मन के सच्चे कोहिनूर हैं।

बाल दिवस की स्वर्णिम वेला में ,
बच्चों में नव ज्ञान  कराएँ ।

इस  सुअवसर को हम पहचानें,
उनमें नव प्रकाश फैलाएँ।

उनमें  सुंदर- सुंदर भाव  जगाएँ,
उन  भावों  में  संस्कार  सजाएँ।

शिक्षकों  का कर्त्तव्य निराला,
छात्र हितों का  बड़ा रखवाला।

शिक्षक की फसल कीमती भाई,
इस पर ही  जन जीवन सुखदाई।

समय पर  खेल  समय पर  पढ़ाई,
है  इन सबमें गुरुओं  की  चतुराई।

हर बच्चे अधखिले फूल हैं,
सब  बच्चे  सच्चे  वसूल हैं।

हर फूल पूर्ण विकसित हो जाए,
इसका ध्यान सदा रख पाएँ।

शिक्षक की भूमिका निराली,
हर फूलों की करनी रखवाली।

आज बच्चों में बहुत उमंग है,
ऐसा  लगता  छाया  तरंग है।

आज मंत्र उन्हें ऐसा  दे  दें  हम,
उनके जीवन सफल कर दे हम।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड- बंदरा , जिला – मुज़फ्फरपुर

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