सबसे प्यारा और न्यारा अपना जग में हिंदुस्तान!
“सत्यमेव जयते” से है, इसकी जग में पहचान!!
“सर्वधर्म समभाव” का है, संदेश उचित प्रतीक!
“अहिंसा परमोधर्म” है, ये बोल सर्वथा सटीक!!
“धर्मनिरपेक्षता” शब्द में है, छिपी हुई भान!
इसकी अनेकता में भी एकता की है पहचान!!
दीन-ईमान,सत्य-अहिंसा,प्रेम सब है परमधर्म !
परोपकार में छिपा है, इसका सटीक मानव मर्म!!
घर-घर अलख जगा है, पूरी ज्ञान शिक्षा का!
मांग रही यह धरती, संकल्प दान दीक्षा का!!
शून्य नहीं था, तब था सारे जग का अज्ञान !
दिया भारत ने विश्वजगत में, शून्य का ज्ञान!!
धर्म के विविधता की, जहां है निशानियां !
भरी-पूरी धरती की, उतनी ही है कहानियां!!
कार्यपालिका, न्यायपालिका,विधायिका !
और स्वतंत्र मीडिया से है, इसकी पहचान!!
पर अज्ञानी-अशिक्षित रहते सदा अनजान!
आएं हमसब मिलकर हों सदा संकल्पवान!!
हम सब मिलजुल कर करें सदा ये संकल्प !
मेरे देश भारत का कोई दूसरा न हो विकल्प!!
सबसे प्यारा और न्यारा अपना जग में हिंदुस्तान!
“सत्यमेव जयते” से है इसकी जग में पहचान!!
सुरेश कुमार गौरव,शिक्षक, पटना (बिहार)
स्वरचित और मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित