भारत के तिरंगे में,
शोभित हैं तीनों रंग,
फहराए हवा संग,
झुका आसमान है।
जल,थल,नभ सेना,
तत्पर रक्षा में सदा,
देते रहे बलिदान,
जारी अभियान है।
नभ में विमान उड़े,
पुष्प का श्रृंगार सजे,
लिख जाए वीरगाथा,
यही पहचान है।
संस्कृति का ज्ञान दिया,
कहलाया विश्व गुरु ,
समर्पित हर साँस,
यही अभिमान है।
एस.के.पूनम
प्रा. वि. बेलदारी टोला,
फुलवारीशरीफ
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