महादेवी वर्मा: विधा – मनहरण घनाक्षरी- रामकिशोर पाठक

काव्य रची अनमोल,
सौम्य सरस-सा बोल,
छायावादी रस घोल,
नारी वंदनीय है।

सप्तपर्णा, दीपशिखा,
सांध्यगीत, अग्निरेखा,
संकल्पिता स्मृति रेखा,
यामा पठनीय है।

श्रेष्ठ उपन्यासकार,
उपकारी व्यवहार,
शिक्षा और सदाचार,
सदा पूजनीय है।

वही मीरा प्रतिरूप,
शारदा सम अनूप,
पद्म ज्ञान सम धूप,
जो प्रशंसनीय है।

राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज, पटना

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