सब बहना का मान है भाई
पापा का अभिभान है भाई
कोई मेरे दिल से पूछो
मेरा तो बस जान है भाई।
जिम्मेदारी का नाम है भाई
वटवृक्ष की छांव है भाई
पिता के वंश रखवाला है वो
नैहर की शोभा,शान है भाई
मां का बड़ा दुलारा भाई,
हम सबका है प्यारा भाई,
हर रिश्तों में मिठास हैं घोले,
सबके आंख का तारा भाई
कभी गुस्सा कभी प्यार है भाई,
रिश्तों का तकरार है भाई,
आए जब बहनों पर विपदा,
कृष्णा का अवतार है भाई।
भाभी का सुहाग है भाई ,
कभी किसी का पाग है भाई,
बहनों को गर छेड़ दे कोई,
लक्ष्मण शेषनाग है भाई।
ईश्वर से कामना हमारी ,
सकल मनोरथ सरैं तुम्हारी,
भातृदिवस पर यही आरजू,
हर जन्म में बहना बनूं तुम्हारी।
स्वरचित:-
मनु कुमारी
प्रखंड शिक्षिका
मध्य विद्यालय सुरीगांव,बायसी पूर्णियां।