ये उन दिनों की बात है
********************
ये उन पांच मुश्किल,
कठिन, दिनों की बात है
जिसे माहवारी, मासिक धर्म,
पीरियड्स कहते हैं
ये तो निजता, गरिमा,
सुरक्षा,स्वास्थ्य, सम्मान,
प्रजनन शक्ति की बात है
पूर्व में यह वर्जनाओं,
सामाजिक, सांस्कृतिक
प्रतिबंध की बात थी
यह,वह मत छुओ,अचार मत छुओ
रसोई, मंदिर में मत जाओ
ये सब पुराने दिनों की बात है
ये तो सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है
शर्म, अपराध नहीं है, यह तो
नारी सामर्थ, सम्मान की बात है
महावारी स्वच्छता महत्व को
समझना समझाना है,
इससे संबंधी शर्म, संकोच,
झिझक दूर करने की बात है
स्वच्छ सुरक्षित शोषकों का
महावारी में उपयोग करना है
उपयोग उपरांत अवशेषो के
सुरक्षित निपटान की बात है
महावारी का सरल प्रबंधन
बालिकाओं,नारियों के जीवन
में स्वच्छ सकारात्मक व्यापक
परिवर्तन लाने की बात है।
*********************
अपराजिता कुमारी
रा. उ. उ. माध्यमिक विद्यालय
जिगना जगरनाथ
प्रखंड हथुआ
जिला गोपालगंज
अपराजिता कुमारी