श्री कृष्ण से ज्ञान पा के,
ऋषियों ने अपनाया,
असाध्य रोगों का स्थाई, उपचार योग है।
जिसने भी अपनाया,
पाया है निरोगी काया,
शरीर को योगासन, रखता निरोग है।
जीवन में कई आसन,
सीखाता है अनुशासन,
अनेकों ही बीमारियों पे हुआ प्रयोग है।
समस्या का समाधान,
नहीं जानता विज्ञान,
रोगों का कारण बना, आधुनिक भोग है।
जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
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