योग करें हम योग करें
दूर सभी हम रोग करें,
यह वरदान मिला जो हमको,
इसका हम सदुपयोग करें ।
सुबह-सबेरे उठ जाना है
आलस दूर भगाना है,
तन-मन स्वस्थ बनाना है
सदा निरोग रह पाना है।
इसे कहें संजीवनी बूटी हम
यह जीवन को दे सुन्दर तन-मन,
इसकी ऐसी आशिर्वाद महान
होती सभी जन का कल्याण।
योगासन की यही उद्देश्य
स्वस्थ समाज और पूरा देश ,
इससे भविष्य बनेगा बेहतर
बस देश का समाज हो अग्रसर।
हम सब यह संदेश फैलाएगें
तब सारे जन स्वस्थ रह पाएंगें,
यह वरदान मिला जो हमको
हम-सब, जन-जन तक पहुंचाएंगे।
———योग करें हम योग करें—
——–दूर सभी हम रोग करें—-
लेखक-अरविंद कुमार अमर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय चातर, संकुल-उ-उ–विद्यालय पैकटोला। जिला-अररिया (बिहार)
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