मिलता है बहुत मुश्किल से मानव शरीर।
गलत दैनिक क्रिया से रोग पालते है गंभीर।।
समय रहते योग के महत्व को समझना और समझाना है।
अभी भी देर नहीं हुआ मान कर योग को अपनाना है।।
आलस त्याग कर सुबह उठ योग करने को रहना है तत्पर।
स्वस्थ,निरोग और फुर्तीला रहेगा शरीर हर पथ पर।।
प्राचीन युग से ही योग का महत्व ऋषि मुनियों ने बतलाया हैं।
आज भारत का योग ज्ञान पूरे विश्व ने अपनाया है।।
एक दिन नही हर दिन करो योग चाहे नारी हो या नर।
प्रकृति का वरदान हैं योग इससे जीवन होगा सुंदर।।
आइए मिल कर संकल्प कर योग करे।
निरोगी रहे सारा विश्व, बीमारी कोशो दूर रहे।।
स्वरचित
धीरज कुमार (शिक्षक)
उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिलौटा
भभुआ,कैमूर
बिहार
#IamYogdoot
#मैंहूँयोगदूत
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