हर सावन में आता है रक्षाबंधन का त्योहार।
साथ में अपने लाता है, खुशियों की बौछार।।
रोली, अक्षत, चंदन की महत्ता हमें बतलाता है,
धागों से कैसे बँधते रिश्ते, यही हमें सिखलाता है।
बाँध कलाई बहना राखी, माथे पर तिलक लगाती है,
भाई मेरा रहे सलामत ईश्वर से यही मनाती है।
रक्षा से रक्षा करने का संकल्प लेता है भाई,
साथ तुम्हारे खड़ा रहूँगा जो भी विपदा आई।
भाई- बहन का रिश्ता ये, दुनिया में अनमोल है,
सब रिश्तों से गहरा ये, इसका न कोई तोल है।
जीवन सुखमय बना देता है भाई -बहन का प्यार,
युगों- युगों तक अमर रहे रक्षाबंधन का त्योहार।
गुडिया कुमारी “शिक्षिका”
मध्य विद्यालय बाँक
जमालपुर, मुंगेर
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