भाई- बहन के प्रेम का ,
स्नेह सिक्त एक डोर है।
रक्षाबंधन का त्योहार,
बड़ा ही अनमोल है ।
स्नेह के धागों से बाँधूँ,
मैं हृदय के तार को ।
तुम हमेशा साथ देना ,
सारी बाधा तोड़ के।
रक्षा के विश्वास का ,
यह अटूट एक डोर है।
रक्षाबंधन का त्योहार ,
बड़ा ही अनमोल है।
श्रद्धा भाव से सजाऊँ,
मैं जतन से थाल को।
कुमकुम ,चंदन ,अक्षत ,
से सजाऊँ भाल को।
सच कहूँ भाई-बहन का,
रिश्ता बड़ा बेमोल है।
यह रक्षाबंधन का त्योहार ,
बड़ा ही अनमोल है।
भाई -बहन के प्रेम का ,
स्नेह सिक्त एक डोर है।
यह रक्षाबंधन का त्योहार ,
बड़ा ही अनमोल है।
प्रियंका कुमारी
उ• म• वि बुढ़ी
कुचायकोट, गोपालगंज
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