हिन्दी मास चैत्र नवमी को, प्रभु श्रीराम ने लिया अवतार
पूरी अयोध्या नगरी में, तब छाई खुशियां उल्लास अपार।
शुभ अवसर है प्रभु श्रीराम का, सब मिलकर नमन करें
पूरी धरा पर शांति,सत्य और उजियारा रुपी अमन करें।
प्रजा धर्म सत्य पर टिकी हो, सबका मन निर्मल चंगा हो
सभी अमन चैन से रहें, बहती पावन मन रुपी गंगा हो।
राम राज में शबरी का हुआ सम्मान,अहिल्या का उद्धार हुआ
राम सत्य हैं,तमस भावना का त्याग, मन का यही उद्गार हुआ।
जहां सत्य,अहिंसा और धर्म है, वहीं चहुंओर राम राज्य है
जन्मोत्सव के दिन मिल जुलकर गाएं, राम हमारे अराध्य हैं।
जन्में नवरात्र में मानो तन और मन दोनों हो जाते सात्विक
वातावरण में उमंग और सभी लगने लगा जाते वास्तविक।
कहते इस दिन रामनवमी चैत्र मास की इस नवमी से होता
नए काल का होता प्रवेश,सभी जीवों में आवेश है आता।
इस दिन सृष्टि और प्रकृति भी, अपना अजब रंग दिखाती
दिन में दिखती होली और रात में, दीप प्रकाश बन जगाती।
धर्म राज की बात हो, भाई भरत को राजगद्दी पर बिठाया
माता कैकेई का मान रख,जंगल में कुटिया को घर बनाया।
भाई लक्ष्मण,शत्रुध्न सा पाया दशरथ के हुए ये प्यारे लाल
पूरी अयोध्या झूमी थी जब जन्मे थे सबके न्यारे से लाल।
सुरेश कुमार गौरव शिक्षक, पटना (बिहार)
स्वरचित और मौलिक
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