राम रमैया – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

Jainendra Prasad Ravi

आज घर-घर में बाजे बधैया हो, अइलन राम रमैया।
राजा लूटावैं अन्न-धन सोनमा,
रानी लुटावैं रूपैया हो,अइलन राम रमैया।।
देख मगन भेल सब नर-नारी,
आरती उतारें मिल तीनों महतारी।
मिल के नाचे लs आज़ चारों भैया हो,अइलन राम रमैया।।
अममा के डाल पर कोयली नाचे,
तोता पंडित बन पोथी बाचे,
खुश हो झूमे बछड़ा, गईया हो,अइलन राम रमैया।।
महल-गली, घर-आंगन सजल हे,
किसीम-किसीम के रंगोली बनल हे।
सारी दुनिया चकित देखवैया हो,अइलन राम रमैया।।
संत समाज मिल राम धुन गावें,
राम भक्तन सब भजन सुनावें।
आज गूंगा भी बन गेल गबैया,अइलन राम रमैया।।
उमंग में बचपन के संगी-साथी,
जश्न मनाबे सब नगर निवासी,
सौंप रघुवर के हाथ जीवन नैया हो,अइलन राम रमैया।।

जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
म.वि. बख्तियारपुर पटना

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