सोहनलाल द्विवेदी की मैं गाथा तुम्हें सुनाता हूँ ।
इनका जीवन और कृति से परिचय तुम्हें कराता हूँ
द्विवेदी जी का हिंदी में है बहुत उच्च स्थान ।
राष्ट्र प्रेम और बालप्रेम की कविता लिखी महान ।।
सन उन्नीस सौ छह में जन्मे तिथि फरवरी बाईस ।
जिला फतेहपुर गाँव बिंदकी में थी हुई पैदाइश ।।
हाई स्कूल तक जिला फतेहपुर में ही शिक्षा पाई ।
काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी में की एम ए की पढ़ाई ।।
हिन्दी और संस्कृत दोनों का गहरा था इन्हे ज्ञान ।
और कई भाषाओं के ये हुए बड़े विद्वान ।।
छाप था इन पर गाँधीजी का रहे ये गाँधीवादी ।
पत्रकारिता में भी इन्होंने नई क्रांति ला दी ।।
अधिकार और बालसखा के बने रहे संपादक ।
माँ भारती के ये सच्चे अर्थ में थे आराधक ।।
भैरवी , चेतना , पूजागीत के संग लिखा प्रभाती ।
सेवाग्राम,युगाधार लिखा और प्रेमगीत है बसंती ।
बाल काव्य है दूध बताशा , शिशु भारती , झरना ।
बाल भारती,बिगुल,बाँसुरी आदि का क्या कहना
देशप्रेम और बालकविता का ये किये है सर्जन ।
नारीजागरण,ग्रामोत्थान व कृषक का भी है वर्णन
और तब आया एक मार्च अट्ठासी का वह दिन ।
परलोक चल पड़े राष्ट्रकवि करके हमें गमगीन ।।
सुधीर कुमार , किशनगंज , बिहार