तूफां से न घबराते,
अपनी मंजिल पाते,
जीवन के डगर की,
होती न आसान राह।
चट्टानों पे बीज बोते,
धुन के जो पक्के होते,
बाधाओं के करते वो,
कभी नहीं परवाह।
कुछ जो कायर होते,
भाग्य पर सदा रोते,
वक्त बीत जाने पर,
भरते केवल आह।
जिसने प्रयास किया,
दुनिया को जीत लिया,
विजेता को देख लोग,
करते हैं वाह-वाह।
जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मध्य वि.बख्तियारपुर, पटना
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