🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏
विधा-मनहरण
(विघ्नेश बुलाइए)
संसार में है अंधेरा,
चहुंदिशा में बखेरा,
निकले हैं समाधान,दीप को जलाइए।
हिया बसे मन मोरा,
प्रदर्श दिखे हैं गोरा,
अवसर है पावन,प्रीत को जगाइए।
आलोकित घर-द्वार,
छलकती है उल्लास,
आऐं मिलजुलकर,रंगों से सजाइए।
मन की कलियाँ खिले,
तम अहंकार मिटे,
आत्मविभोर होकर,विघ्नेश बुलाइए।
एस.के.पूनम।
0 Likes