चरण छूलूँ भवानी माँ,
पनाहों में मुझे पाओ।
महादेवी जगतजननी,
मुझे तो छोड़ मत जाओ।
सदा तुम कष्ट ही हरती,
तुम्हारे पास जो जाता।
मिटेगा पाप उसका भी,
दया कर दान दे आता।
सदा ही भावना मेरी,
सुमन से ही सजाऊँ मैं।
कहाँ तुम हो दरस दे माँ,
विकल होकर पुकारूँ मैं।
शिवा तू ही महागौरी,
महाकाली महामाया।
तपस्या में रहीं डूबी,
त्रिलोकी का बनी साया।
मिले आशीष तेरा जो,
हृदय में प्रीत बढ़ जाता।
सदा मन से भजन करता,
दुखों से पार मैं पाता।
दया कर दो शिवानी माँ,
तुम्हारा ही रहूँ प्यारा।
श्रद्धा वंदन करूँ माते !
सुनोगी नित्य जयकारा।
एस. के. पूनम
प्राथमिक वि. बेलदारी टोला, फुलवारीशरीफ, पटना
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