शिक्षक हैं परेशान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

Jainendra

ऊपर के अधिकारी, लेते नहीं जिम्मेवारी,
आज यहां रोज होता, शिक्षकों का अपमान।

सुधार के नाम पर, विद्यालय जाँच होता,
अधिकारी जारी करें,नये-नये फरमान।

कमियाँ छिपाने हेतु, जनता को भरमाते,
होता बदलाव नहीं,करते हैं परेशान।

छुट्टियों को काटकर,रेबडिंयाँ बाँटकर,
बच्चों की समस्या से हैं बने हुए अनजान।

नेता अधिकारी सभी, लेखक विद्वान कवि,
दुनिया के सारे लोग हैं शिक्षकों की संतान।

अपना पसीना बहा, जीवन संवारते हैं,
बच्चों के भविष्य के वो, सदा करते निर्माण।

अपना बकाया हेतु, चढ़ावा चढ़ाते हैं वो,
उनकी समस्याओं पे, देता नहीं कोई ध्यान।

हजारों घोटालेबाज रोज यहां पकड़ाते,
फिर भी शिक्षक ही क्यों, कहलाते बेईमान?

जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

0 Likes
Spread the love

Leave a Reply