सामाजिक बदलाव में स्कूल की भूमिका- अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

सामाजिक बदलाव में स्कूल की भूमिका

बच्चों में  नूतन   ज्ञान    देकर ,
शान    से   हम   उन्हें   बढ़ाएँ ।
सामाजिक बदलाव की प्रक्रिया में ,
हम  उन्हें ऐसे शामिल कर   पाएँ ।।

हो  न  कसक   किसी  तरह  की ,
परिवर्तन  का  नव युग है  आया ।
ज्ञान   है   यदि   सबके   मन मंदिर में  ,
तभी सामाजिक बदलाव का दौर   समाया ।।

बढ़ते  स्कूल  के  नए  चरण  की ,
सामाजिक ताने बाने उत्तर दे रहे हैं।
कल्पना    से   भी     परे   होकर  ,
कई   बच्चे   शाबाशी   ले   रहे हैं ।।

यही  है  एक  शोर   बहुत  ही ,
जो    सुनाई    दे    रहा     है ।
अमित आकर्षणों के बदौलत ही ,
यह  स्वरूप विशाल  ले   रहा है ।।

हमेशा  बदलाव   की शक्ति  ही ,
सृजनता की महती कारक ।
स्कूल भी अब तेजी से  बदल रहे ,
है   यह  भी   अति    सुखकारक ।।

बड़े  बदलाव    की   बयार  भी ,
बह   चली   है ऐसी   धरा   पर ।
स्कूल     भी      बदलाव     की ,
पटकथा लिख रहा स्व उर्वरा पर ।।

है शान    की        बात    यह ,
अज्ञानता का लोप   हो रहा है ।
ज्ञान     की     अभिवृद्धि    से ,
अनगिनत अंधविश्वास  भी खो रहा है ।।

समाज      में     बदलाव    की ,
अभी  जो सूरत  दिख  रही है ।
स्कूल   ही   वह   महती कारक है ,
जो इस जीवंतता को लिख रही है ।

बिंब  यदि   स्कूल    को   माने ,
तो प्रतिबिंब  ही   समाज है  होते ।
जैसी  शिक्षा स्कूल  मे   मिलती ,
वैसे   ही    समाज    भी     ढोते  ।

सामाजिक      परिवर्तन    में ,
स्कूल की भूमिका है  जरूरी ।
इसके बगैर किसी परिवर्तन की ,
नहीं होती    आस कभी  पूरी ।।

सपने  वही  जो  हकीकत  बने ,
वहीं   मार्ग   प्रशस्त    होता  है ।
जीवन की सारी उपलब्धियों को,
परिवर्तन की उम्मीद ही  ढोता  है ।।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा ,  जिला मुजफ्फरपुर

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