सुविधा और स्वास्थ्य- कुण्डल छंद- राम किशोर पाठक

सुविधा और स्वास्थ्य- कुण्डल छंद

सुविधाएंँ सभी आज, सबको हैं प्यारे।
मशीन बन गए लोग, एहसास मारे।।
करते सभी आराम, श्रम सभी नकारे।
स्वास्थ्य का बिगड़ा हाल, सब हैं बेचारे।।

बदल गया मनोभाव, खुद हीं सब जाने।
गँवाकर अपना होश, बनाए बहाने।।
मानकर खुद को सत्य, लगा सब बताने।
भूलाकर प्रकृति ध्यान, ज्ञान को बखाने।।

आराम हुआ हराम, कहें कई ज्ञानी।
पुतला बना इंसान, सुनाई कहानी।।
रुकता नहीं यह होड़, भूभाग विरानी।
सुविधाओं सभी संग, आँखों में पानी।।

करें सदा सदुपयोग, रोकें नादानी।
संसाधन नहीं खास, रखें जिंदगानी।।
प्रेम भाव का मिठास, श्रम साध्य कहानी।
लौट आएगी आश, फिर से नूरानी।।

रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

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