स्वामी जी ने कर दिया,जग में ऐसा काम।।
पर्वत से ऊँचा हुआ, फिर भारत का नाम।।
राम कृष्ण गुरुदेव के ,पद पंकज सिरधार।।
अमेरिका वह चल दिए, करने धर्म प्रचार।।
गुरु मूरति ले हृदय में, दिए स्वयं व्याख्यान ।
हुई अचंभित जनसभा, बढ़ा राष्ट्र का मान।।
वेद धर्म का मूल है,वेद धर्म आधार।
आध्यात्मिकता का किये, प्रवचन में विस्तार।।
उठो जागो रुको नहीं, जबतक मिले न ध्येय।
बाहर दर्शन छोड़कर,अंतर में लखि लेय।।
स्वरचित:-
मनु रमण चेतना
पूर्णियां बिहार
0 Likes