हमारा भारत
कहते हैं दादा-दादी और कहती है माई,
दशकों की गुलामी के बाद हमने यह आज़ादी पाई।
तिरंगा फहराने का सौभाग्य बहुत संघर्ष के बाद है आया,
कितनी मांओं ने बेटे और बहनों ने सुहाग गंवाया।
जब अंग्रेज करने लगे देशवासियों पर अत्याचार,
तब देश के वीरों ने हाथों में उठाई तलवार।
मातृभूमि की रक्षा का प्रण लिया मिलकर सबने,
तभी आज आज़ाद भारत में हम देख पा रहे हैं सपने।
सपने भारत को विश्वविजेता बनाने की,
सपने जीवन के हर दौड़ में अव्वल आने की,
पर क्या केवल सपनों से जीवन की नैया चल पाएगी?
धर्म के नाम पर लड़कर क्या मंज़िल मिल जाएगी?
आओ आज हम सब मिलकर यह प्रण दुहराएं,
तरक्की की राह में धर्म न आड़े आने पाए।
तब कोई दूसरा देश हमसे टकराने की हिम्मत न कर पाएगा,
हमारा भारत भी एक दिन विश्वविजेता कहलाएगा।
खुशबू कुमारी
मध्य विद्यालय गोला पंचायत जे पी कॉलोनी मुजफ्फरपुर
Khushboo Kumari

