राष्ट्र के सपूत हम,
मिट्टी पर गढ़ा नाम,
सदा से वचनबद्ध,शत्रुओं का बनूं काल।
तिरंगे को ओढ़कर,
चल पड़े प्रभु धाम,
संततियों से अलग,भारती के हम लाल।
सोच कर परेशान,
धरती न हो वीरान,
कर्तव्यों से युक्त धरा,वीरपुत्र रहा पाल।
अम्बर से धरा तक,
गूंजती है वीर गाथा,
निराली है भारत भूमि,हाथों में अद्भुत नाल।
एस.के.पूनम
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Nice👍👏