कल ही की तो बात है
सारे स्कूल ने मुझे चिढ़ाया था,
इतना खून बह आया था,
सब हँस रहे थे, मैं डर रही थी,
किसी ने कहा चिढ़ा कर,
तुम्हें तो लाल झंडा आया है।
हाँ हाँ मुझे पीरियड आया है।
दर्द सहना है, और चुप रहना है
कौन सी नई बात है ?
मुझे भी आया था तुझे भी आया है।
किसी से कुछ न कहना माँ ने यह बताया है,
हाँ हाँ मुझे पीरियड आया है।
पहली बार पापा से दर्द छुपाया है,
भाई को भी ये मन कुछ न कह पाया है।
पेट की अंतड़ियाँ दर्द से खिंची हुई,
जब गई पेड खरीदने बाजार में,
दुकानदार ने भी काली पन्नी से ढक पेड छुपाया है।
हाँ हाँ मुझे पीरियड आया है।
अछूत हूँ पाँच दिनों के लिए
दादी ने यह बताया है,
मंदिर में कदम न रखूं,
अलग बिस्तर, अलग बर्तन
दर्द सहा है हमने भी,
तुझे भी सहना है समझाया है।
हाँ हाँ मुझे पीरियड आया है।
प्रत्यक्ष योनी से शोणित बहाती हूँ।
नवयोवन बनने की पीड़ा सहते जाती हूँ।
जिसे अपवित्र मानती है यह संसार सकल,
तुमने भी तो जन्म यहीं से पाया है।
हाँ हाँ मुझे पीरियड आया है।
कब तक बेटियां यह सब सहे,
चलो मिलकर सब सहज कहे,
महावारी खुशी की कहानी है,
स्त्री जननी है इसकी निशानी है।
सेंट्री नेपकिन लेना सबको यह बतलाना है,
कहो गर्व से बेटियों अब तुम भी,
हाँ हाँ मुझे पीरियड आया है।
ध्यान रखें इन दिनों सब हमारा ख्वाहिश है
और ज़माने से गुजारिश है
जब यह असहज समय आ जाए,
कोई पुरुष न मजाक बनाएं,
बस समझ जाएं उसके दर्द को बिन कहे,
इतना सा आप सहयोग करें,
सेंट्री नेपकिन ही प्रयोग करे,
फिर कहे सुकून से बेटियां
हाँ हाँ मुझे पीरियड आया है।
nidhichoudhary