हिंदी अमर है, हिंदी है हमारा – Dhananjay Kumar

भारत-भूमि का भाव प्राण है,

हिंदी ही तो गौरव-गान है |

हिंदी है हरित हृदय की धारा,

हिंदी उज्ज्वल उदित सितारा |

मधुर मधुर मन मोहक भाषा,

जन-जन की जीवन अभिलाषा |

मधुर मनोहर मृदु मृगनयनी,

कई भाषाओं की जीवन-जननी |

कलम कलश की करुण कहानी,

हिंदी बुनती स्वर्णिम वाणी |

शब्दों की शक्ति, शील की शान,

हिंदी ने दिया संस्कृति का दान |

अभिनव अर्चन, अमृत अभिराम,

हिंदी अमर है, हिंदी अविराम |

अभिनव अरुण, अमृत की धारा,

हिंदी अमर है, हिंदी है हमारा |

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