आया होली का त्योहार, फिर एक बार लाया रंगो की बौछार।
नहीं अपने परायो की दरकार,
आज है बस हमे रंगो से सरोकार।
नाचेंगे-गाएंगे धूम मचाएंगे,पूए पकवान खाएंगे, खूब गुलाल उड़ाएंगे।
बड़ो को प्रणाम, छोटो को गले लगायेंगे,
इस बार की होली यादगार बनाएंगे।
जरूरतमंदो, गरीबो कि होली खुशनुमा बनायेंगे,
पकवानो, मिठाइयो की उनके घर झरी लगाएंगे।
बच्चों की ख़ुशी में शामिल हो,
उन्हें आइसक्रीम , गुझिया खूब खिलाएंगे ।
होलिका और प्रहलाद की कहानी सुनाकर ,
बुराई पर अच्छाई की हमेशा जीत होती है सदा,फिर से याद दिलाएंगे।
रंगो के इस त्योहार में खुशियों के रंग मिलाकर,
खुद भी हंसेंगे और संग दोस्तों के भी खिलखिलाएंगे।
दीपा वर्मा
उ.म.वि मणिका
मुजफ्फरपुर,बिहार
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