दरिया में जल मिले, सागर में नदियाँ भी, धरती आकाश मिल सृष्टि देते उपहार। कहीं-कहीं छाँह धूप, चुभते दिलों में शूल, मिटती न तृष्णा कभी मिथक न हो प्रहार। माटी…
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करती हूँ बंदगी – एस.के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-मनहरण (करती हूँ बंदगी) तरसती है निगाहें, भरती हैं नित्य आहें, भूखे पेट तड़पती,मजबूर जिन्दगी। भाग्य से निवाला मिला, जूठन भी मिला गिला, आहार विनाश कर,फैलाए क्यों गंदगी।…
गर्मी आई गर्मी आई – एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
देखो गर्मी आई गर्मी आई साथ में वो गर्म हवाएं लाई बाहर न निकलो बेमतलब घर में सुरक्षित रहो रे भाई घर रहकर तुम करो पढ़ाई देखो गर्मी आई गर्मी…
जय होगी- मनोज कुमार दुबे
आज नही तो कल तुम्हारी ही जय होगी भाग्य नही केवल मेहनत से ही तय होगी अंधकार का नाश प्रकाश केवल कर सकता है मनुष्य वह साधक साध्य सभी कर…
भारत विविधताओं में भी एकता का प्रतीक’-सुरेश कुमार गौरव
भारतीय संस्कृति का सदा बजता रहा है, विश्व में डंका, भारतीय जनमानस में क्या रहनी चाहिए कोई भी शंका? जहां देश से भी ऊपर माना जाता है, एक संविधान, यहां…
बाल श्रमिक की व्यथा-सुरेश कुमार गौरव
शिक्षा के मंदिर में जाऊं तो जाऊं कैसे! जैसे सब बच्चे हाजरी लगाते हैं जैसे!! है मजबूरियां मेरी और जिम्मेदारियां भी! शिक्षा के रोज गीत गाने का इरादा बदल गया!!…
जालिम सर्दी-मीरा सिंह
आयी जब से जालिम सर्दी सबका जीना मुश्किल कर दी। छाया है चहुंओर कुहासा देखो सर्दी की बेदर्दी। सन सन करती पछुआ हवाएं कांप रही है पूरी धरती। मौसम लगता…
क्या यही है नव वर्ष का त्योहार- नीतू रानी
क्या यही है नव वर्ष का त्योहार जिस त्योहार में मारे जाते हैं कई निर्दोष जीवों के परिवार, क्या यही है नव वर्ष का त्योहार । नंव वर्ष में सब…
आनंद का पल है -एस.के.पूनम
छंद:-मनहरण घनाक्षरी प्रातःकाल की बेला में,खड़ी यमुना किनारे, गागर भरतीं राधा,लेतीं नदी जल है। आरती माधव संग,बोल उठी अंग-अंग, केशव,मोहन मेरा,आराध्य ही बल है। वाणी मधुर-मधुर,बहती अमृत धार, कृष्ण को…
किसान-एस.के.पूनम
रश्मियां निकल आईं,पूरब में लोहित छाईं, कृषक तराने गाएं,अभी प्रातःकाल है। निकला विस्तर छोड़,देखा खेत-खलिहान, किसानों का मुखड़ा भी,देख खुशहाल है। धूप से तपती धरा,धूल से गगन भरा, स्वेद से…